Wednesday, March 14, 2012

॥ श्रीः ॥ ॥ सीताराम ॥ ॥ श्रीमद् जानकीवल्लभो विजयतेतराम् ॥



रामनामैव नामैव नामैव मम् जीवनम् ।
कलौ नास्त्येव नास्त्येव नास्त्येव गतिरन्यथा ।।

- (स्कन्दपुराण, उत्तरखण्ड, नारद-सनत्कुमार संवाद , पंचम अध्याय । ५१ )




श्री राम जी का नाम, केवल श्री राम नाम हीं मेरा जीवन है | कलियुग में राम नाम के सिवाय और किसी उपाय से जीवो कि सद्गति नही होती, नहीं होती, नहीं होती |

No comments:

Post a Comment